कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला मूल्याकंन समिति की बैठक में 1,317 लोकेशन की गाइड लाइन बढ़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब उस प्रस्ताव को समिति सरकार के पास भेजेगी। इन इलाकों में दस से लेकर तीस प्रतिशत तक प्राॅपर्टी गाइड लाइन में इजाफा होगा।
एक अप्रैल से इंदौर के कुछ इलाकों की प्राॅपर्टी गाइड लाइन बढ़ेगी। पंजीयन विभाग ने साल भर हुए सौदों का आंकलन करते हुए उन इलाकों को चुना है। शनिवार को जिला मूल्याकंन समिति की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई। समिति ने इंदौर के 1,317 क्षेत्रों की प्राॅपर्टी गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। इनमें ज्यादातर इलाके बाइपास और शहरी सीमा से सटे हुए हैं, जो नगर निगम सीमा में शामिल हो चुके हैं। नई काॅलोनियों और टाउनशिपों में पिछले साल नगर निगम ने भी संपत्तिकर बढ़ाया है।
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला मूल्याकंन समिति की बैठक में 1,317 लोकेशन की गाइड लाइन बढ़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब उस प्रस्ताव को समिति सरकार के पास भेजेगी। इन इलाकों में दस से लेकर तीस प्रतिशत तक प्राॅपर्टी गाइड लाइन में इजाफा होगा, जिन क्षेत्रों में साल भर में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री हुई और वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन से ज्यादा कीमत पर सौंदे हुए। बढ़ोतरी उन इलाकों में ही ज्यादा होगी।
वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा का कहना है कि जिले की गाइडलाइन का प्रस्ताव विगत तीन साल के खरीदी-बिक्री के डेटा का आकलन कर तैयार किया गया है। जिले के कई क्षेत्रों में गाइडलाइन से अधिक दरों पर दस्तावेज पंजीकृत हुए हैं। इन क्षेत्रों में गाइडलाइन की बढ़ोतरी की गई है। वहीं 154 नई कालोनियों को भी इस बार गाइडलाइन में शामिल किया गया।
पंजीयन विभाग को इस वर्ष ढाई हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य दिया गया है, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि, अभी वित्तिय वर्ष पूरा होने में डेढ़ माह का समय है। सबसे ज्यादा सौंदे मार्च माह में होते हैं। इसलिए पंजीयन विभाग आश्वस्त है कि लक्ष्य पूरा हो जाएगा। इस विषय पर भी मूल्यांकन समिति में चर्चा हुृई। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहित लागू हो जाएगी। इस कारण मार्च के बजाए चुनाव समाप्त होने के बाद जुलाई में प्राॅपर्टी गाइड लाइन बढ़ाई जा सकती है।